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रंगरसिया कवि सम्मेलन में कवियों ने बाँधा समा

Poets participated in the Rangarasia Kavi Sammelan organized by Surat District Maheshwari Sabha and Maheshwari Seva Mandal

सूरत जिला माहेश्वरी सभा एवं माहेश्वरी सेवा मंडल द्वारा किया गया आयोजन

सूरत। शहर के पाल स्थित संजीवकुमार ऑडिटोरियम में सूरत जिला माहेश्वरी सभा एवं माहेश्वरी सेवा मंडल के संयुक्त तत्वावधान में रंगरसिया कवि सम्मेलन रविवार 7 अप्रेल को आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन में पहुंचे देश के नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं से ऐसा समां बांधा कि शाम से कब रात हो गई लोगों को पता ही नहीं चला। कभी प्रेम रस की कविता नई पीढ़ी को रोमांचित कर रही थी, तो कभी हास्य व्यंग से सराबोर रचनाएं लोगों को गुदगुदा रही थी।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए शशिकांत यादव ने अपने चुटीले अंदाज से लोगों को कई बार ठहाके लगाने पर मजबूर किया। ख्याति प्राप्त कवयित्री अनामिका अंबर जैन, हास्य व्यंग के प्रसिद्ध कवि सुदीप भोला, लाफ्टर फेम हिमांशु बवंडर, हास्य व्यंग के कवि मनोज गुर्जर ने भी अपनी रचनाओं से साहित्य की सतरंगी छटा बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ महेश वंदना से शुरुआत करके भगवान महेश की प्रतिमा के समक्ष अतिथियों के हाथों से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया। सूरत जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष पवन बजाज, सचिव अतीन बाहेती ने मंच से सभी समाज के लोगों को संबोधित किया।

Poets participated in the Rangarasia Kavi Sammelan organized by Surat District Maheshwari Sabha and Maheshwari Seva Mandal

मंच संचालन रवि बंग ने किया। जिला सभा एवम सेवा मंडल के सभी पदाधिकारी व कार्यसमिति सदस्य के अलावा बारह क्षेत्रीय सभाओं की पूरी टीम व नवयुवक मंडल के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन शुरूआत हुई राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ. अनामिका जैन अम्बर द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से।

लाफ्टर फेम हिमांशु बवंडर ने व्यंग कसते हुए कहा कि होली पर ठेके बंद होते थे, इस बार दिल्ली में ठेकेदार ही बंद हो गए। राजनीति पर व्यंग के लिए चर्चित सुदीप भोला ने बाबा जी को समझा था क्या कच्चा बादाम, साइकिल धड़ाम… से लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।

कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे की प्रस्तुति से लोगों को नाचने को मजबूर कर दिया। कवियों ने जहां लोगों का मनोरंजन किया, वहीं भ्रष्टाचार, राजनीति में आ रही गिरावट पर तीखा व्यंग भी किया।

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