छत्तरपुर, मध्य प्रदेश: ईशानगर में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक श्रद्धेय पंडित शिवाकान्त जी महाराज द्वारा आयोजित भागवत कथा के समापन पर मुख्य अतिथि के तौर पर कानपुर के करौली सरकार पूर्वज मुक्ति धाम के करौली शंकर महादेव पहुंचे तथा सभी भक्तों को हरि कथा सुनाई । कार्यक्रम में भव्य स्वागत के बात करौली शंकर महादेव ने अपने संबोधन में भक्तो से कहा कि मनुष्य के रोगों और कष्टों के मुख्य ३- ४ से कारण है जिनमें मुख्य रूप से पितृदोष, कालसर्पदोष, नकारात्मक पूजा पाठ, व मूर्ति पूजा शामिल है। करौली शंकर ने बताया कि हमारे पूर्वज परलोक जाने के बाद भी स्मृतियो के रूप में हमारे भीतर ही रहते है व अपने आप को ज़िंदा रखने का प्रयास करते है जिसके कारण उनके जीवन काल के रोग और कष्ट हमारे शरीर में बनने लगते हैं, जैसे हमारे पितृ होते है हम वैसे ही बनते जाते हैं । जिसके प्रभाव से कई दफा बहुत सारे लोग ऐसे स्थान पर पूजा पाठ करते है जो शास्त्रोक्त नहीं है, व जादू टोना तंत्र मंत्र बलि प्रथा आदि के झांसे में आ जाते हैं। इस तरह से वे ग़लत ऊर्जा के साथ जुड़ जाते हैं और उससे उनके भीतर नकारात्मक स्मृतियों का संचार होता है जो कष्टों का कारण बनते है।
करौली शंकर महादेव ने आगे कहा कि सही तरीके से पूजा पाठ करना बेहद आवश्क है। उद्धारण के तौर पर उन्होंने कहा कि घर में आठ अंगुल से ऊपर की मूर्ति रखने से भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है क्योंकि उसमे तमाम तरह की नकारात्मक शक्तियां वास करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि आप किसी ऐसे मंदिर में जाते है जहां की मूर्तियाँ भी सही से प्रतिष्ठित ना हुई हों तो उसमे भी दैत्यों का प्रवेश रहता है और वह शक्तियां आपके पूजा पाठ से और बलिश्ट हो कर के आपको हानि पहुंचा सकती है।
शंकराचार्य जी भी स्कन्द पुराण से इसकी पुष्टि करते हैं । इन तमाम तरह की नक़रात्मकता से बचने का केवल एक ही उपाय है वह है शिव-शक्ति से जुड़ना यदि आप शिव और शक्ति से एक साथ जुड़ जाते है तो यह सभी कष्टों के कारण एक ही क्षण में समाप्त होते हैं । और शिव और शक्ति जुड़ने का एक ही माध्यम है वह है पूर्ण गुरु जब तक पूर्ण गुरु नहीं मिलता तब तक शिव शक्ति की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती और तब तक आपके कष्ट नहीं जा सकते । करौली शंकर महादेव ने आगे कहा कि करौली सरकार पूर्वज मुक्ति धाम में शिव-शक्ति और पूर्ण गुरु पंडित श्री राधारमण जी मिश्र मौजूद हैं इसलिए यहाँ एक ही दिन में सभी के कष्ट चले जाते है ।
इस सब के बाद करौली शंकर महादेव ने सभी से आँखें बंद करने के लिए कहा और उन सबके कष्ट हरने के लिए भगवान भोलेनाथ, माँ कामाख्या, पूज्य बाबा जी व गुरु माता जी से प्रार्थना करने के लिए कहा। प्रार्थना संकल्प करने के बाद सभी से पूछा गया की यदि किसी का मांस मदिरा खाने का मन कर रहा हो तो हाथ खड़ा करे, या किसी बच्चे का पढ़ाई करने का मन ना कर रहा हो, तो एक भी हाथ नहीं खड़ा हुआ । बच्चों के लिए MP2 (Memory Purification) कार्यक्रम भी किया गया । अंत में पूज्य बाबाजी का नाम संकीर्तन करते हुए जय जय राधारमण हरि बोल भजन पर झूमते हुए सारे कार्यक्रम समापन हुआ, अंत में हर हर महादेव के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा इस कार्यक्रम में लगभग 50,000 भक्तों ने पूज्य गुरुदेव के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त किया